कंफ्यूज, हाँ आपने सही सुना, हम अक्सर कंफ्यूज रहते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है की हम समय समय पर खुद को कंफ्यूज पाते हैं। आखिर इसका इलाज क्या है , क्या कंफ्यूज रहना सही है।
बचपन से बुढ़ापा तक हम कंफ्यूज रहते हैं
जब हम लाइब्रेरी जाते हैं तो कौन सी बुक पढ़े इस बात का confusion होता है
जब हम सिनेमा देखने जाते हैं तो कौन सी मूवी देखे इस बात का confusion होता है .
जब हम शौपिंग साइट्स पर जाते हैं तो क्या ख़रीदे इस बात का confusion होता है
जब हमे शादी करनी होती है तो किससे करे इस बात का confusion होता है
स्कूल से निकलते ही कौन सा collage join करना है इस बात का — होता है, collage में कौन सा course लेना है इस बात का — होता है, collage के बाद किस कंपनी में जाये इस बात का confusion होता है
confusion अनगिनत है , सवाल है की इसका solution क्या है
क्या जानवर भी कंफ्यूज रहते हैं, नहीं जानवर कंफ्यूज नहीं रहते क्यों की उनका लाइफ बहोत ही सिंपल है।
हम इंसान एक कन्फ्यूज्ड स्पीशीज हैं , हम अपने लाइफ को इतना काम्प्लेक्स बना चुके है की हर बात पर — हो जाता है। हमारे पास बहोत सारे choices हैं और जानवरों के पास इतने नही हैं
जब हम लाइब्रेरी जाते हैं तो हमारे पास 1000 बुक्स होते हैं इस लिए हम कंफ्यूज हो जाते है की कौन सी किताब पढना सही रहेगा , — जायज है, जब हमारे पास बहोत सारे options होते हैं तो हमारा दिमाग यह पता नही कर पाता की सही क्या है.
तो फिर confusion दूर कैसे होगा .
उसका एक ही उपाय है, समय और स्वाभाव, जब आपको कोई चीज़ बहोत सारे चीजों में से चुननी हो तो आपको थोरा समय देना पड़ेगा और फिर ये देखना पड़ेगा की कौन सी चीज़ आपके स्वाभाव से मेल खाती है उसी चीज़ को चुनना है।
हम सभी का स्वाभाव अलग अलग है, और हर किसी के लिए यहाँ पर option है
याद रखिये इस दुनिया में बहोत सारी चीज़े हैं but हर चीज़ आपके लिए नही है। so make your best choice dont be confused
में डिसीजन नई ले पा रहा हु की कोचिंग जाऊ या नही में mp psc करना चाहता हु पर असली उद्देश्य है की मुझे राजनीती में जाकर सेवा करनी है
मुझे लगता है की आज की दुनिया में इन्सान को १ से अधिक काम करने वाला बनना पड़ेगा .. राजनीती में जाना है सही है , लेकिन पहले आपको एक जॉब पकड़ लेनी चाहिए, इस दुनिया में अब multi skill लोगो का डिमांड बढ़ रहा है, कोचिंग भी करिए और राजनीती भी