Minamata ( मीनामता ) Desease क्या है?

जापान में मीनामता की खाई पाई जाती है। जापान की एक बहुत बड़ी comical factory जो मरकरी बनाती थी अपने विभिन्न प्रकार के उत्सर्जित पदार्थों के साथ भारी मात्रा में मरकरी को भी उस जलाशय (खाड़ी)  में विसर्जित कर दिया है जिससे उस जलाशय में पाई जाने वाली मछलियां अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मरकरी (पारा) को भी निगलने लगी, जिससे उनके अंदर Methyl derivative की स्थिति उत्पन्न होने लगी, जो एक बहुत ही खतरनाक toxin  है। उस खाड़ी के मछलियों को जितने लोगों ने खाया लगभग 2000 व्यक्तियों ने अपने जीवन से हाथ धो बैठे और हजारों की तादाद में लोगों को लकवा लग गया। इस रोग को मीनामता का रोग कहा जाता है।

पारे से होने वाली हानियां :
पारा शिशुओं के विकास पर प्रभाव डालता है। शिशुओं के वृद्धि रुक सकती है और दिमाग पर बुरा असर होता है। ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना। सुनने और देखने में परेशानी होना। बार बार उल्टी की समस्या होना इत्यादि।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन :
जापान में बढ़ते हुए इस घातक आपदा को मद्देनजर रखते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ( United Nations Environment Program ) ( UNDP) ने पारे का इस्तेमाल खत्म करने के लिए जापान के कुमामोटो के मीनामता मैं एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 10 अक्टूबर 2013 को आयोजित किया। इस सम्मेलन में विश्व के 140 देशों ने भाग लिया और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा आयोजित पारे पर इस तरह का यह पहला सम्मेलन था।

इस सम्मेलन में पारा से बनी उत्पादों का निर्माण, पारा का आयात या निर्यात एवं पारा से बनाई गई बहुत सी चीजों को धीरे-धीरे खत्म करने की बात कही गई। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पारे की अन्य योगीको के उत्सर्जन के कारण होने वाले नुकसान से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करना है।