पादपों में पोषण (Nutrition in Plants)

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पर्यावरण में रहने वाले सभी जीव प्रकृति से अपना भोजन प्राप्त करते है एवं अपना भरण पोषण करते है| पादप पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण अंग है एवं ये अपने विकास एवं पोषण के लिए अधिकांशत: सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करते है| मुख्य रूप से पादपो में २ प्रकार का पोषण होता है, क्योकि पादप भी दो प्रकार के होते है, जो इस प्रकार है:

स्वपोषी

स्वपोषी प्रक्रिया के अंतर्गत, जैसा की नाम से स्पष्ट हो रहा है, इसे पादप जो अपना भोजन स्वय बनाते है, उन्हें स्वपोषी कहा जाता है| ये पौधे प्रकाश संश्लेष्ण क्रिया द्वारा अपना पोषण प्राप्त करते है| कुछ एककोशकीय जीव, शैवाल, सभी हरे रंग के पौधे एवं कुछ जीवाणु सभी स्वपोषी की श्रेणी में आते है|

परपोषी

इसे जीव या पादप जो अपने भरण पोषण के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहते है एवं स्वय अपना भोजन नहीं बना सकते, उन्हें परपोषी कहा जाता है| सारे जन्तु एवं कवक आदि परपोषी के अंतर्गत आते है|

पादपों में पोषण का मुख्य आधार

सभी हरे पादप अकार्बनिक से कार्बनिक भोजन का निर्माण करते है, जिसमे सूर्य की किरनों का अहम् योगदान होता है| पादपो में भोजन निर्माण के लिए प्रकृति द्वारा प्रदत एक घटक पाया जाता है, जिसे क्लोरोफिल कहा जाता है, यह सूरज से आने वाले प्रकाश को अवशोषित करता है, जिसे प्रकाश संश्लेष्ण क्रिया कहा जाता है| इसके आभाव में पौधे अपना भोजन निर्माण नहीं कर सकते|

सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ जल व् कार्बन डाईऑक्साइड भी पादपो के पोषण के लिए अनिवार्य है| पौधे की पत्तियों में सूक्ष्म छेद होते है, जिन्हें स्टोमेटा कहा जाता है, जिनके द्वारा कार्बन डाईऑक्साइड पौधे के भीतर प्रवेश करती है एवं जल की पूर्ति जड़ो द्वारा जल को अवशोषित करके हो जाती है| इसके बाद रासायनिक प्रक्रिया द्वारा पत्तियां भोजन बनाती है, जो शर्करा के रूप में पौधे को प्राप्त होता है एवं जिसे ग्लूकोज कहा जाता है| बाद में यह शर्करा पादप के अन्य भागों तक पंहुचा दी जाती है, जिससे सभी भागों को समान रूप से पोषण प्राप्त हो सके|

पादपों में पोषण हेतु मुख्य तत्व

पादपों में गहराई से पोषण हेतु १७ मुख्य एवं आवश्यक तत्वों का महत्वपर्ण योगदान रहता है, जिससे पौधे का विकास होता है, इसमें जल एवं प्रकाश के साथ-साथ अन्य तत्व भी जरूरी होते है, जिनका विवरण इस प्रकार है:-

प्राथमिक पोषक तत्व

प्राथमिक पोषक तत्व वे होते है, जिनकी पौधे को अपने विकास के लिए सबसे अधिक आवश्यकता होती है| इन तत्वों में आक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन, फास्फोरस, हाइड्रोजन, कैल्शियम, पोटेशियम, एवं सल्फर आदि सम्मिलित है| इसमें १० घटकों का समावेश किया गया है|

द्वितिय पोषक तत्व

इन्हें लघुमत्रिक पोषक तत्व भी कहा जाता है, क्योकि पौधे को इसकी कम आवश्यकता होती है| इस श्रेणी में मुख्य रूप से ८ तत्वों को शामिल किया गया है, जिनमे ताम्बा, निकेल, जस्ता, बोरोन, लोहा, क्लोरिन, मैंगनीज एवं मालिब्डेनिम आदि शामिल किये गये है|

क्रान्तिक तत्व

ये ऐसे तत्व होते है, जिनका काम भूमि की उर्वरता को अधिक से अधिक बढ़ाना है, जिससे अच्छी फसल प्राप्त की जा सके| अत: इन तत्वों को भूमि का उपजाऊपन बढ़ाने हेतु खाद के रूप में डाला जाता है|

आक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन:

ये तीनो तत्व पौधे के विकास के लिए अत्यंत अनिवार्य है, जिसे पौधे की कोशिका भित्ति का निर्माण होता है, एवं जीवद्रव्य बनता है| पौधे अपनी जरूरत के अनुसार ये तत्व वातावरण से ग्रहण करते है, एवं प्रकाश संश्लेष्ण से रासायनिक क्रिया द्वारा अपना भोजन निर्माण करते है|

सल्फर:

सल्फर पौधे के विकास एवं जड़ की मजबूती के लिए नितांत आवश्यक है| जिन पौधे की पत्तियां खराब या पीली पड़ने लगती है, उनमे सल्फर की कमी पाई जाती है एवं फलों का बनना रुक जाता है|

नाइट्रोजन:

नाइट्रोजन पौधे के अंदर प्रोटीन निर्माण में सहायता करता है एवं न्यूक्लिक एसिड बनाता है, जो पौधे के बढने के लिए आवश्यक है|

फास्फोरस:

इसके द्वारा पौधे की विभिन्न कोशिकाओ का निर्माण होता है, एवं अच्छी फसल के लिए यह अनिवार्य है|

कैल्शियम:

यह तत्व गुणसूत्रों का निर्माण करने, DNA व् RNA को पौधे के प्रोटीन से जोड़ने, वसा के अवशोषण आदि का कार्य करता है| इसकी कमी होने पर पौधे में बीज बनना रूक सकता है|

पोटेशियम:

पौधे की लम्बाई एवं उचित विकास के लिए इस तत्व का पाया जाना अनिवार्य है, इसकी कमी से पौधे को कई प्रकार के रोग लग सकते है|

आयरन:

इस तत्व का पादप की श्वसन प्रणाली में अहम योगदान रहता है| पादप में लोह तत्व की कमी से हरिमहीनता एवं अन्य रोग घेर सकते है|

मैग्नीशियम:

यह तत्व पौधे के प्रोटीन का क्लोरोफिल के साथ संयोजन करने में मदद करता है|

मैंगनीज:

यह तत्व पादप में नाइट्रेट बनाने में सहायता करता है|

बोरोन:

यह तत्व ग्लूकोज निर्माण में सहायता करता है|

जिंक:

यह तत्व पौधे की लम्बाई एवं फल के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है|

ताम्बा:

यह पौधे की श्वसन प्रणाली के लिए उचित व्यवस्था करता है|

मालिब्डेनम:

यह पौधे के मेटाबोलिजम के लिए अनिवार्य तत्व है|