द्वितीय विश्व युद्ध कैसे आरम्भ हुआ एवं क्या रहे परिणाम – Reasons for Second World War in Hindi

ऐसा माना जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के साथ ही बनने लगी थी| WW1 में जर्मनी ने अपनी हार के साथ वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर करने के साथ ही भारी नुकसान भुगता, इसे एक बड़े भू-भाग को खोना पड़ा एवं सेना को सीमित कर दिया गया|

द्वितीय विश्व युद्ध या WW2 सितम्बर 1939 ई. से 1945 ई. तक लड़ा गया| 6 वर्ष तक चलने वाले इस युद्ध में अरबों की सम्पति का नुकसान हुआ, करोड़ो बेगुनाह लोग मारे गये|

इस युद्ध में करीब 70 देशों ने भाग लिया एवं सम्पूर्ण विश्व 2 भागों में बंट गया जिसे मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र के नाम से पुकारा जाने लगा|

द्वितीय विश्व युद्ध के कारण:

मित्र राष्ट्रों ने फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में जर्मनी के साथ दुर्व्यवहार किया जिससे जर्मनी बदला लेने को आतुर था एवं हिटलर ने उस समय नेता के रूप में उभर कर एवं इटली में मुसोलिनी ने सत्ता अपने हाथों में लेकर जल्दी ही दूसरे विश्व युद्ध के बीज बो दिए|

तानाशाही शक्तियों का जन्म:

प्रत्येक साम्राज्य अपनी-2 शक्ति को बढ़ाने में लगे हुए थे एवं हिटलर एवं मुसोलिनी दोनों कट्टर तानाशाह के रूप में उभरे| दोनों ने लोकतंत्र को खत्म कर दिया एवं राष्ट्र संघ के सदस्य बनने से मना कर दिया|

विश्व मंदी का असर:

1930 ई. में आई वैश्विक आर्थिक मंदी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को डांवाडोल कर दिया था जिसमे जर्मनी की हालत सबसे बुरी थी|

तुष्टिकरण की नीति:

इस नीति के अंतर्गत जब प्रत्येक राज्य आक्रामक रूप से अपनी शक्ति में विकास कर रहा था तो अन्य किसी देश ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया| धुरी राष्ट्र (जर्मनी, इटली, जापान) किसी प्रकार की संधि नही करना चाहते थे एवं फासीवादी शक्तियों को होंसले और बढ़ते गये|

द्वितीय विश्व युद्ध का आगाज:

1 सितम्बर 1939 ई. को जर्मनी ने पौलैंड पर आक्रमण करके उसपर अधिकार कर लिया एवं दूसरी तरफ फ्रांस एवं इंग्लैंड ने जर्मनी पर आक्रमण करने की घोषणा कर दी|

1940 ई. में जर्मनी ने नार्वे, होलैंड, बेल्जियम पर भी अधिकार कर लिया एवं अंत में फ्रांस को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया|

जर्मनी इंग्लैंड को पराजित करने में नाकाम रहा एवं 1944 ई. में इटली ने भी अपनी हार स्वीकार कर ली| अमेरिका ने 1945 में जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी पर परमाणु बन गिराए जिसमे लाखों लोग मारे गये| अंत में हिटलर ने भी घुटने टेक दिए जिसके साथ युद्ध का समापन हुआ|

द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम:

भीषण जन-धन हानि:

ऐसा मात्र एक अनुमान है की इस युद्ध में 5 से 6 करोड़ लोग मारे गये, इतने ही लोग बेघर एवं लापता हो गये| करीब 2000 करोड़ की सम्पति नष्ट हो गई किन्तु सही संख्या इससे कही अधिक होगी|

अमेरिका एवं सोवियत संघ का शक्ति के रूप में उभरना:

इस युद्ध के बाद बाकि देशों की तुलना में सोवियत संघ एवं अमेरिका बड़ी शक्तिया कहे जाने लगी|

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना:

इस युद्ध के बाद 1945 में ही संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई जिसकी पहल अमेरिका ने की जिससे भविष्य में इस प्रकार के युद्ध होने की स्थिति को रोका जा सके|

साम्यवादी प्रवृति में वृद्धि:

इस युद्ध के बाद लगभग सभी देशों ने साम्यवादी प्रवृति को अपनाना शुरू कर दिया|

निष्कर्ष:

द्वितीय विश्व युद्ध ने भयंकर तबाही मचाई एवं आज तक जापान में गिरे परमाणु बम के निशान मिटे नहीं| इस युद्ध ने यह तय कर दिया कि देशों के मध्य समय-2 पर बातचीत होना अनिवार्य है| इस युद्ध की सबसे बड़ी देन कई प्रकार के अविष्कार भी है जैसे जेट इंजन, राडार, आदि| सबसे बड़ी उपलब्धि संयुक्त संघ की स्थापना है जो आज भी भली-भांति अपना कार्य कर रहा है|