हम दौड़ते हैं तो हांफ जाते हैं, क्यों ?

जब हम समान्य अवस्था में रहते हैं तो नौर्मल श्वसन क्रिया होते रहता है और हम सभी आराम से O2 (आक्सीजन) लेते हैं और CO2( कार्बन डाइऑक्साइड) छोड़ते हैं। लेकिन जब हम दौड़ते हैं या व्यायाम करते हैं तो हमें अधिक उर्जा की जरूरत होती है, अतः अधिक उर्जा के लिए ज्यादा O2 की आवश्यकता होगी, उसी ज्यादा O2 को ग्रहण करने के लिए हमारा शरीर ज्यादा O2 लेने लगता है और हम हांफने लगते हैं क्योंकि हमारे शरीर को अधिक से अधिक उर्जा की जरूरत होती है।


C6H12O6 + O2 = CO2 + H2O + उर्जा


जब हम O2 लेते हैं तो यह फेफड़ा में जाकर रुधिर ( blood) में hemoglobin द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है,और blood circulation के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों में स्थित कोशिकाओं में चला जाता है। वहां ग्लूकोज के अणुओं को आँक्सीक्रृत कर उर्जा (ATP) का निर्माण होता है। इसी उर्जा से हम अपना दैनिक कार्यक्रम करते हैं। इस उर्जा का निर्माण हमारे शरीर के कार्यशीलता पर निर्भर करता है।

अतः जब इस शरीर को जितनी उर्जा की जरूरत होती है उस हिसाब से शरीर खुद ही O2 को ग्रहण करके ATP का निर्माण करने लगता है। ग्लूकोज के आक्सीक्रृत होने पर CO2 बनता जो शरीर के लिए हानीकारक है अतः इसे भी जल्दी जल्दी बाहर करना होता है और शरीर में हांफने की क्रिया जोरों से होने लगती है। इस क्रम में चुकी रुधिर का कार्य बढ़ जाता है यानी O2 को फेफड़ा से कोशिकाओं तक ले जाना पुनः CO2 को फेफड़ा में छोड़ना। इस क्रम में हार्ट ( हृदय) को blood जल्दी जल्दी पंप करना पड़ता है अतः हार्ट बीट भी बढ़ जाता है।

इस पुरा क्रिया का रूटमैप इस प्रकार होता है
O2 ->👃 nose -> lungs -> blood (hemoglobin) -> +O2 = Oxyhaemoglobin -> blood circulation-> ( pumping through heart) -> cell (mitochondria) -> deoxyhaemoglobin-> oxydation of glucose -> formation of ATP (energy) -> CO2 release -> attached blood (carboxyhaemoglobin) -> heart-> lungs -> 👃 nose-> CO2-> out