लोहे की सुई पानी की सतह पर किस कारण तैरती है

silly boy thinking

लोहे की क्षण पानी में डूब जाती है तो इसमें कोई आश्चर्य नही होता | यह एक समान्य सी बात लगती है, परन्तु यदि कोई आपसे यह कहे की लोहा पानी में तैर सकता है तो आप इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे | पर क्या वाकई ये संभव है? जी हाँ, लोहे की सुई पानी में तैर सकती है, बल्कि आप भी ये कारनाम खुद कर सकतें है | दरअसल वह हर वस्तु जिसका घनत्व पानी के घनत्व से अधिक अर्थात ज्यादा होता है, वह पानी में डूब जाती है | तथा वह हर वस्तु जिसका घनत्व मतलब पृष्ठीय क्षेत्रफल पानी के घनत्व से कम होता है वह पानी में तैरने लगती है |

किसी सुई को एक पतले कागज के ऊपर रखकर पानी के एक कटोरे में रख देतें है. कुछ समय बाद, काजग गीला होकर कटोरे के ताल पर चला जाता है और सुई पानी के उपर तैरती रहती है | क्यूंकि उस सुई का पृष्ठीय क्षेत्रफल (घनत्व) पानी के घनत्व से कम होता है, जिस वजह से लोहे की सुई पानी के ऊपर आसानी से तैरती रहती है |

इसी कारण आपने देखा होगा कई कीड़े मकोड़े भी पानी पर चलते है और डूबते नहीं।