जैविक व अजैविक घटक क्या है (Biotic and Abiotic components in Hindi )?

जैविक व अजैविक घटक, परिस्थितिकी अध्ययन का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमे सभी पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओ, वनस्पति, सूक्ष्म जीवो एवं यहाँ तक कि मनुष्य भी शामिल है| जैविक व अजैविक घटक आपस में सम्बन्धित होते हुए एक दूसरे से परस्पर क्रियाकलाप करते है एवं एक दूसरे को प्रभावित करते हुए प्रकृति एवं खाद्य श्रखला में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है| आइये जैविक व अजैविक घटको पर थोडा प्रकाश डालते है:-

बायोटिक इकोसिस्टम

जैविक घटक (Biotic components)

  • जन्तु:

जैविक घटकों के मुख्य घटक पर्यावरण में रहने वाले सभी जीव-जन्तु सम्मिलित है, जिसमे जलचर, नभचर, एवं स्थलीय जीव शामिल है| इसके अंतर्गत स्वपोषी एवं परपोषी प्राणियों का विभाजन किया गया है|

  • वनस्पति:

वनस्पति समुदाय के अंतर्गत परिस्थितिकी में विद्यमान प्रत्येक प्रकार के पादप, पौधे, वृक्ष आदि की हजारों-लाखों प्रजातिया सम्मिलित की गई है|

  • सूक्ष्म जीव:

सूक्ष्म जीव पर्यावरण में अहम् भूमिका निभाते है, जिसमे सभी प्रकार के कवक, शिवाल, बैक्टीरिया, जीवाणु आदि शामिल किये गए है|

  • मनुष्य:

मनुष्य भी परिस्थितिकी के जैविक घटक का मुख्य बिंदु है, एवं पर्यावरण के लिए आवश्यक प्राणी है |

abiotic ecosystem

अजैविक घटक (Abiotic components)

  • ताप एवं प्रकाश:

प्रकाश एवं ताप जैविक घटकों के पोषण एवं जीवित रहने के लिए अत्यंत जरूरी है, क्योकि प्रकाश से ही पौधे अपना भोजन बनाते है|

  • मृदा:

विभिन्न प्रकार के कार्बनिक एवं अकार्बनिक कणों से संयुक्त होकर बने पदार्थ को मृदा या मिटटी कहते है, जो वनस्पति के लिए जरूरी है|

  • आर्द्रता:

जलवायु परिवर्तन एवं सन्तुलन हेतु आर्द्रता आवश्यक तत्व है|

  • हवा एवं स्थलाकृति:

हवा के बिना प्राणीमात्र का अस्तित्व संभव नहीं एवं स्थलाकृति किसी जगह का आकार है, जो किसी ग्रह की पहचान के लिए आवश्यक है|

जैविक और अजैविक घटक में अंतर


पारिस्थितिकी तंत्र दो भागों से बना है: जैविक और अजैविक घटक। पारिस्थितिकी तंत्र जीवित और निर्जीव जीवों का एक संग्रह है जो एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग करते हैं। किसी पारिस्थितिकी तंत्र में जैविक और अजैविक कारकों की परस्पर क्रिया इसे अन्य पारिस्थितिक तंत्रों से अलग करती है। किसी एक जैविक या अजैविक घटक को हटाने से पूरे सिस्टम पर प्रभाव पड़ सकता है। किसी पारिस्थितिकी तंत्र में जैविक तत्वों का अस्तित्व अजैविक तत्वों के अस्तित्व पर निर्भर होता है। परिणामस्वरूप, अजैविक कारक पर्यावरण में प्रजातियों के पनपने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। जैविक और अजैविक पारिस्थितिक तंत्र के बीच सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह है कि जैविक एक पारिस्थितिकी तंत्र में सभी जैविक चीजों को संदर्भित करता है, और अजैविक एक पारिस्थितिकी तंत्र में सभी निर्जीव, भौतिक और रासायनिक वस्तुओं को संदर्भित करता है।