स्टेफेन हाकिंग कौन थें।

स्टेफेन हाकिंग भौतिकी के बहोत ही जाने माने वैज्ञानिक थे।  उन्होंने ने ब्लैक होल्स के बारे में काफी आध्यायन किया और यह बताया की ब्लैक होल्स से बचकर कुछ भी नही जा सकता। उन्होंने हव्किंग radiation का भी सूत्र दिया।

स्टेफेन हाकिंग अपनी किताब “A Brief History of Time” (Bantam Books, 1988, ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम ) से पुरे दुनिया में मशहूर हो चुके थे।

आईये उनके जीवन के बारे में कुछ जान लेते हैं।

प्रोफेसर स्टेफेन हाकिंग का जन्म 8  जनवरी  सन 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में हुआ था। वर्ल्ड वॉर 2 के समय ऑक्सफ़ोर्ड को एक सुरक्षित जगह माना जाता था, जहा बच्चो का पालन पोषण आसानी से किया जा सकता था।

जब स्टेफेन हाकिंग 8 साल के थे तब उनका परिवार संत अल्बांस  शहर चला गया जो की लन्दन से 20 माइल्स की दुरी पर था।

स्टेफेन हाकिंग संत अल्बांस स्कूल में पढ़े और उसके बाद ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में (1952). स्टेफेन हाकिंग गणित पढ़ना चाहते थे लेकिन कॉलेज में गणित की पढाई न होने के कारण उन्होंने भौतिकी चुना ( Physics ). और उनके पिता चाहते थे की उनका बेटा डॉक्टरी पढ़े लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

3 साल बाद स्टेफेन हाकिंग ने प्राकृतिक विज्ञान में प्रथम श्रेणी से डिग्री हासिल किया।

ओक्टुबर 1962 में स्टेफेन हाकिंग, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के Department of Applied Mathematics and Theoretical Physics (DAMTP) में रीसर्च के लिए पहुंच गए और उस समय उस डिपार्टमेंट में वे अकेला व्यक्ति थे जिन्होंने इसमें रूचि लिया।

सन 1965 में उन्होंने अपना पीएचडी हासिल किया और जो थीसिस लिखा उसका नाम था (Properties of Expanding Universes – फैलते हुए ब्रह्माण्ड की परिचर्चा)

स्टेफेन हाकिंग को मोटर नुएरोन की बीमारी थी, इस बीमारी में लोग अपने मांस पेशियों को कण्ट्रोल नही कर पाते, जैसे बोलना खड़ा होना , चलना बैठना कुछ भी नही कर पाते, मांस पेशियाँ दिमाग के नियंत्रण में नही रहती आपको यह बता दे की हम जो कुछ भी करते हैं वह दिमाग की वहज से ही हो पता है, अगर दिमाग से भेजा गया सिग्नल हाथ तक नही पहुचे तो आप चाहते हुए भी हाथ नही हिला पाएंगे

हाकिंग ने हाकिंग रेडिएशन का तर्क दिया जिसमे उन्होंने यह कहा की।

ब्लैक होल्स sub-atomic  पार्टिकल्स छोरते हैं जिसे हम हव्किंग रेडिएशन  कहते हैं , ब्लैक होल्स सब एटॉमिक पार्टिकल्स तब तक release करते हैं जब तक वे पुरे शमाप्त नही हो जाये।  इसे हम ब्लैक होल evaporation भी कहते हैं। उन्होंने यह भी कहा की ब्लैक होल्स पुरे तरह से काले नही होते है और अमर भी नही होते।  ब्लैक होल्स एक दिन खुद को शमाप्त कर लेते हैं energy release करते करते।

चुकी हाकिंग बोल नही सकते थे और चल भी नही सकते थे इसलिए उनके व्हीलचेयर पर speech synthesizer लगा हुआ था, speech synthesizer और कंप्यूटर मिलकर उनके गालो की हरकतों को आवाज में बदल देते थे। वे अपने गाल के मूवमेंट से कंप्यूटर को कण्ट्रोल  किया करते थे।