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गर्मियों में पहाड़ ठन्डे क्यों रहते हैं?

ग्रीष्मकालीन ऋतु के आगमन के साथ ही पहाड़ों पर पर्यटकों और सैर पर आने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने लगती है| गर्मी के मौसम में जब मैदानी भाग पर सूरज अपना कहर बरपा रहा होता है ठीक उसी समय पहाड़ पर मौसम काफी सुहाना और ठंडा होता है यही वजह है कि पहाड़ों का मौसम हर किसी को विशेषकर गर्मी के मौसम में अपनी ओर आकर्षित करता है| क्या आपके जिज्ञासु मन में यह सवाल उत्पन्न हो रहा है कि गर्मियों के मौसम में पहाड़ और पर्वत इतने ठंडे क्यों रहते हैं? आइए जानें इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक सिद्धांत को|

मैदानी सतहों के मुकाबले पहाड़ों की दूरी सूरज से काफी कम होती है इसके बावजूद पहाड़ ज्यादा ठंडे रहते हैं और सूर्य से अधिक दूरी होने के उपरान्त भी मैदानी भाग गर्मियों के मौसम में काफी ज्यादा गर्म रहते हैं| पहाड़ों का गर्मियों में ठन्डे रहने का कारण पहाड़ों की सतह होती है जो ऊंची-नीची होती है|इस कारण पहाड़ के अधिक्तर स्थान पर छाया बनी रहती है और पहाड़ गर्म नहीं हो पाते|

पहाड़ के ठण्डे रहने का एक कारण यह भी है कि पहाड़ों तक सूर्य का प्रकाश सीधा नहीं पहुँच पाता, सूर्य की किरणें पहाड़ों पर तिरछी पड़ती हैं जिससे मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ों को कम ऊष्मा मिलती है|जिससे कि पहाड़ों के तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होती और तापमान निम्न स्तर पर बना रहता है जो ठंडे मौसम को बनाए रखने में काफी मदद करता है| इसके अलावा एक अन्य कारण यह बताया जाता है कि पहाड़ों पर वृक्षों का घनत्व काफी ज्यादा होता है जो सूर्य की किरणों को सीधे पहाड़ी ज़मीन पर पहुंचने से रोकते हैं,और सूरज की गर्मी के असर को लगभग खत्म कर देते हैं| इस तरह आपने जाना कि गर्मियों के मौसम में पहाड़ों के ठंडे रहने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण काम करते हैं|

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