कम्पोस्ट खाद कैसे बनाते है?

कम्पोस्ट खाद, खाद का ही एक रूप है जिसे बनाने के लिए मरे हुए पशुओं के अवशेषों एवं सड़े गले पौधो का प्रयोग किया जाता है| कम्पोस्ट का अर्थ है अच्छे से सड़ा हुआ मतलब खेतों में यह डालने से पहले इसे अच्छे से कम्पोस्ट किया जाना चाहिए जिसके लिए उचित तापमान, नमी, एवं वातावरण की आवश्यकता होती है|

कम्पोस्ट खाद को उचित फसल प्राप्त करने एवं जैविक खेती का प्राथमिक अंग माना जाता है| इससे मिटटी की क्वालिटी में सुधार आता है एवं मिटटी उपजाऊ बनती है एवं पौधो का विकास अच्छे से होता है एवं उनमें पौषक तत्वों की कमी पूरी होती है|

यदि कम्पोस्ट खाद को सही तरीके से बनाया जाए तो पौधो के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं आज यहाँ हम कम्पोस्ट खाद कैसे बनाते है एवं उसके क्या फायदे है इस बारे में चर्चा करेंगे|

कैसे बनाते है कम्पोस्ट खाद?

कम्पोस्ट खाद पहले से तैयार नहीं मिलती अत: आपको इसे खुद ही बनाना पड़ता है जिसका तरीका काफी आसान है|

कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए सबसे पहले एक खड्डा खोदना चाहिए जो कम से कम 3 से 5 फीट गहरा एवं 3 या 4 फीट चौड़ा हो| इस खड्डे में पानी छिडके जिससे इसके आसपास की मिटटी नम हो जाए|

अब इस खड्डे में पत्ते, सड़े-गले पौधे, फलों के छिलके, मरे हुए जानवर के अवशेष आदि डाल दीजिये एवं इसकी 30 सेमी. तक परत बना दीजिये| इसके बाद इसके उपर एक परत गोबर की बिछा दीजिये| यदि आपके पास गोबर नहीं है तो यूरिया का इस्तेमाल भी किया जा सकता है|

इसके बाद इसपर एक बार फिर थोडा पानी छिडके एवं फिर से कचरा पत्ते आदि डाल दे एवं किसी वस्तु से या अपने पैरों से अच्छे से इनको दबाकर सेट करदे एवं पानी डाले| अब इस खड्डे के उपर मिटटी भरदे एवं पानी से अच्छे से छिडकाव करदे|

इसमें कुछ दिनों के बाद थोडा-थोडा पानी छिडकते रहे एवं इसे छेड़े नहीं| तकरीबन 3 से 4 महीने के बाद आपकी कम्पोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाएगी| गोबर डालने से इनमे बैक्टीरिया पैदा होगा जो खाद को कारगर बनने में सहायता करेगा|

3-4 महीने के बाद आप खड्डे से इसे निकल सकते है एवं पोषक तत्वों से युक्त यह खाद दिखने में काले रंग की होगी एवं इसमें कोई सडन जैसी बदबू नहीं आयेगी| आवश्यकतानुसार आप इसे अपने खेतो या पौधो में डाल सकते है एवं इससे घर में पड़े बेकार कचरे आदि का प्रयोग भी हो जायेगा|

कम्पोस्ट खाद के फायदे:

कम्पोस्ट खाद पूरी तरह से प्राक्रतिक रूप से तैयार की जाती है जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता साथ ही इसमें कोई विशेष खर्चा भी नहीं आता|

इससे पौधो को आवश्यक तत्व एवं उनमे वृद्धि होती है जो हानिकारण केमिकल्स के छिडकाव करने से कही ज्यादा बेहतर है|

यह मिटटी की उर्वरता शक्ति को बढाता है एवं इससे पानी की भी बचत होती है क्योकि इससे खेतों में पर्याप्त नमी बनी रहती है|

कम्पोस्ट खाद मानव, पौधे, मिटटी, एवं पर्यावरण सबके लिए लाभदायक है एवं किसानो के लिए इसने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है|